होम्योपैथी में पीएमएस (प्री-मेन्स्ट्रॉल सिन्ड्रॉम) का उपचार
बहुत सी स्त्रियों में मासिक स्राव शुरू होने से पहले मूड में उतार-चढ़ाव, अफारा उठना, द्रव का जमाव, स्तनों में नरमाई, कील-मुंहासे पैदा होना, वजन बढ़ना, थकान, नींद में बाधा, जोड़ों में दर्द, मांसपेशी में दर्द, मीठा खाने की तलब और संभोग में अरूचि सीे समस्याएं देखी जाती है. ये लक्षण, खासतौर से चिढ़चिढ़ाहट और डिप्रेशन उनके रिश्तों, कामकाजी-जिन्दगी और सकुशलता में क्षति पहुंचा सकते हैं. अधिकांश स्त्रियां इन्हें सहजता से स्वीकार कर लेती हैं तथा इनसे हमेशा के लिए छुटकारा पाने पर कोई विचार नहीं करती हैं. सिर्फ इसलिए कि आप एक स्त्री हैं. क्या आपको इन लक्षणों के साथ जीना चाहिए? हर्गिज नहीं. ये लक्षण गलत आदतों, पर्यावरण के विषाक्त पदार्थों और तनाव के कारण पैदा होते हैं.
पीएमएस का पारंपरिक उपचार
पीएमएस के लक्षणों से शीघ्रता से राहत पाने के लिए पारंपरिक औषधि को अक्सर उपचार के रूप में चुना जाता है. पारंपरिक औषधियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स से लेकर गर्भ निरोधक गोलियां तक शामिल हैं. इनमें ऑवूलेशन यानी अंडोत्सर्ग को रोकने वाली गोलियों को भी जोड़ा जा सकता है, इसके कारण कील-मुंहासे पैदा हो सकते हैं और आवाज भारी हो सकती है. अगर आप महंगी दवाइयों की तरफ जाते हैं जो इनमें गोनाडोट्रापिन - रिलीजिंग हारमोन एनालॉग्स को शामिल किया जाता है जो ओवरीज को शिथिल करते हैं तथा ऑस्ट्रोजन और प्रॉजेस्टेशन के उत्पादन को सामान्य करते हैं, जिससे प्रतिकूल परिस्थितियों में ऑस्टियोपोरोसिस पैदा हो सकता है औषधियों की यह सूची अनन्त है तथा लक्षणों से छुटकारा दिलाने या उन्हें दबाने के लिए अनेक औषधियों को प्रेस्क्राइब किया जाता है. लोग बिना सोचे समझे इन औषधियों को ले लेते हैं और फिर स्वास्थ्य संबंधी एक नई समस्या के शिकार हो जाते हैं.
पीएमएस का वास्तविक कारण
पीएमएस का वास्तविक कारण हारमोन्स में असंतुलन है. यहां आपके ऑस्ट्रोजन लेवल्स बढ़ जाते हैं और प्रोजेस्टोरॉन लेवल्स घट जाते हैं. हारमोनल असंतुलन को प्रोत्साहन देने वाले घटक हैं उच्च शक्कर, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स, कैफीन, तनाव, डेयरी प्रोडक्ट्स तथा मीट में मौजूदा हारमोन्स, कीटनाशकों और प्रदूषण में मौजूदा ऑस्ट्रोजन जैसे टॉक्सिन्स. यहां शराब पीना आग में घी डालने का काम करता है, क्योंकि यह लीवर को नुकसान पहुंचाता है जिससे एस्ट्रोजन का अधिक उत्सर्जन होता है. कब्ज तथा आंत में मौजूद बैक्टेरिया असंतुलन स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं, क्योंकि इससे आपकी आंत में मौजूदा एस्ट्रोजन को आपके रक्त द्वारा फिर से सोख लिया जाता है, हालांकि आपके लीवर ने इससे छुटकारा पाने की कोशिश की थी.
होम्योपैथी में पीएमएस का उपचार
- पीएमएस के लिए होम्योपैथी उपचार ने अच्छे परिणाम दिखाए हैं.
- याद रखिए एक स्त्री के रूप में आप असामान्य नहीं हैं और आप उपचार के कुछ प्राकृतिक तरीकों की तरफ ध्यान देकर, बिना किन्हीं प्रतिकूल प्रभावों के फिर से स्वास्थ हो सकती हैं तथा एक सामान्य जिन्दगी जी सकती हैं.
- होम्योपैथी से पीएमएस के उपचार में, सुनिश्चित किया जाता है कि आपको आगे की ज़िन्दगी जीने के लिए फिर से पारंपरिक औषधियों की ज़रूरत न पड़े.
- होम्योपैथी एक सुरक्षित उपचार है, यहां आपके शरीर के अन्य तंत्रों को क्षति नहीं पहुंचती है, जैसा कि पारंपरिक दवाइयों के मामले में होता है.
- होम्योपैथी दवाइयां गहरी जांच-पड़ताल और विश्लेषण के बाद दी जाती है, जो शरीर की स्वाभाविक बुद्धिमत्ता को उत्प्रेरित तथा मदद करती है और यह बाकी चीजों का ख्याल रखती है.