पुरुषों में हेयरलॉस के लिए ७ आम कारण

पुरुषों में हेयरलॉस के लिए ७ आम कारण

बाल झड़ना

हेयरलॉस कई तरह का होता है और गंजापन सबसे आम और काफ़ी चिंता का विषय है. गंजेपन को एलोपेशिया भी कहते हैं. अपने उगने की नियत जगह पर बाल गायब होने के कारण गंजापन आता है. यह सामान्य जैविक प्रक्रिया के कारण या किसी बीमारी के कारण हो सकता है. नीचे हम हेयरलॉस (बाल झड़ने) के सबसे आम कारणों को बता रहे हैं, जो एक डॉक्टर के रूप में हम रोज़ाना प्रैक्टिस में देखते हैं:

१.  पॉजिटिव पारिवारिक इतिहास (आनुवंशिक): आपके माता-पिता की एक साइड से संबंधी भी आपको पॉजिटिव आनुवंशिक इतिहास देने के लिए पर्याप्त है. आनुवंशिक कारक से होने वाले हेयरलॉस को एजीए या एंड्रोजेनेटिक एलोपेशिया कहा जाता है. हेयरलॉस मुख्यत: अत्यधिक मेल हार्मोन (टेस्टोस्टेरोन) के कारण होता है. थोड़ा तकनीकी लग रहा है, लेकिन इसे आसानी से समझते हैं, टेस्टोस्टेरोन+ ५ अल्फा रीडक्टेस (एक एंज़ाइम) डाइहाइड्रोटेस्टेस्टोरेन (डीएचटी) में परिवर्तित होता है, जो पुरुषों में हेयर लॉस का एक प्रमुख कारण है. डीएचटी वृद्धि फेज को घटा देता है और बालों के रेस्टिंग फेज को बढ़ा देता है. इससे मेल पैटर्न गंजापन होता है.

२.  तनाव: हमारी ५०% ख़ुशियां हमारे जींस द्वारा, १०% हमारे जीवन की परिस्थितियों द्वारा और ४०% हमारी दैनिक गतिविधियों द्वारा तय होती हैं. ख़ुशियां हमारे संपूर्ण आत्मविश्‍वास और व्यवहार को उज्ज्वल चमक देती है. तनाव का ठीक  उल्टा असर होता है. हमारा दैनिक जीवन भी तनाव में भूमिका निभाता है: वैवाहिक, आर्थिक और कार्य तनाव. यदि व्यक्ति के पास किसी बीमारी या अवसाद या जीवन की किसी प्रतिकूलता से पीड़ित होने के बाद मूल अवस्था में लौटने की शक्ति नहीं होती है तो संभवत: तनाव हमें परास्त कर देता है या हमें मृत बना देता है. क्रॉनिक तनाव आपके बालों को काफ़ी क्षति पहुंचाता सकता है, जो कभी कभी स्थाई गंजेपन में बदल जाता है.

३.  कुछ साधारण दवाओं का सेवन

            उच्च कॉलेस्टेरोल, उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा, अवसाद, व्यग्रता, नींद की समस्याओ, थायरोइड बीमारियों के इलाज़ के लिए प्रयोग होनेवाली कुछ साधारण दवाएं बाल झड़ने का कारण बनती हैं. यह दवाएं बालों के चक्र को बाधित करती हैं और बालों के विकास के चरण को छोटा करती हैं, जिससे बाल रेस्टिंग अवस्था में पहुंचकर स्थाई रूप से झड़ जाते हैं.

४.  केमिकल उपचार: बार-बार हेयर डाइज़, पर्मिंग, स्ट्रेटनिंग का प्रयोग बाल की लट को क्षति पहुंचाकर बालों को कमज़ोर बनाता है. इसका बेहतर विकल्प है अमोनिया रहित कलर या डाई प्रयोग करना.

५.  पोषक-तत्वों की कमी: प्रोटीन, आयरन, विटामिन बी१२, फॉलिक एसिड तथा बायोटिन. हेयर फॉलिकल्स में फेरिटिन नामक प्रोटीन होता है, जो आयरन का भंड़ारण करता है. शरीर में जब भी आयरन की कमी होती है, बालों के फॉलिकल से फेरिटिन निकलकर शरीर के ज़्यादा ज़रूरी कार्यों में प्रयोग हो जाता है. बालों के फॉलिकल में फेरिटिन की कमी बालों की वृद्धि क्षमता को प्रभावित करती है. शरीर में ज़िंक का न्यून स्तर बालों की कमज़ोरी, नज़ाकत और टूटन का एक और कारण है, जिसे अक्सर अनदेखा किया जाता है. ज़िंक की कमी आपके सिर पर बालों के साथ ही भौंहों और पलकों को भी प्रभावित करती है.

६.  आदतें: धुम‘पान और शराब बालों की थिनिंग को तीव‘ करने के लिए जाने जाते हैं.

७.  नींद में व्यवधान: नींद में व्यवधान और अनिद्रा को बाल झड़ने के कारक माना गया है.

बाल झड़ने के अधिकांश मामलों को बाल झड़ने के लिए दीर्घकालिन उपचार (अक्सर कई वर्ष) की ज़रूरत होती है. बाल विकास का चक्र ३-७ वर्ष का होता है. उपचार के दौरान धैर्य रखना बहुत ज़रूरी है. क्योंकि अधीरता और उसके तनाव के कारण रिकवरी की प्रक्रिया धीमी हो जाएगी.

इसे जीवनशैली की बीमारी मानिए, उच्च रक्तचाप या मधुमेह की तरह, जिसमें आप उन पर काबू पाने के लिए जीवनभर गोलियां लेते रहते हैं. प्रगतीशील हेयर लॉस के लिए यह बढ़िया है. आपको लंबे समय तक दवाएं लेनी है, लेकिन आपका समय और कोशिश फलीभूत होगी.

Get our latest articles delivered
to your inbox
mobile

Subscribe to our blog and get our latest updates.

 

Consult a Hair expert now

I understand and accept the terms and conditions
 
Speak To Us
TALK TO AN EXPERT
x