भंगुर हड्डियों को अपनी खुशी को भंग करने की अनुमति न दें।

हड्डियों का स्वास्थ्य - लक्षण

ओस्टियोपोरोसिस के साथ सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इसका कोई लक्षण नहीं होता है। सबसे अधिक आम तौर पर, मरीज को यह जानकारी नहीं होगी कि वह ओस्टियोपोरोसिस से पीड़ित है जब तक कि उसकी हड्डियों में आसानी से टूट-फूट नहीं हो जाती है। टूट-फूट के सबसे अधिक आम क्षेत्र कलाइयां, रीढ़ की हड्डी और कूल्हे हैं।

व्यक्ति को निम्नलिखित लक्षणों पर नज़र रखना चाहिए:

  • अगर आप पूरे शरीर में अस्पष्ट दर्द की समस्या का सामना कर रहे हैं हैं, जिससे कभी-कभी काफी दुर्बलता आती है और चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है।
  • Tहड्डी को छूने पर यह नाजुक महसूस होता है।
  • पैराथायराइड हार्मोन संबंधी विकार के लक्षण जैसे शरीर में दर्द और जोड़ों में दर्द, मितली, सीने में जलन और थकान।

रोगनिदान

हमारे चिकित्सक मरीज की हड्डियों के स्वास्थ्य का मूल्यांकन करेंगे, उनके जोखिम कारकों की पहचान करेंगे और बोन डेन्सिटी सीरम कैल्सियम परीक्षण की सिफारिश करेंगे। परिणाम से हमारे चिकित्सकों को मरीज की बोन डेन्सिटी देखने और हड्डियों के क्षरण की दर निर्धारित करने में मदद मिलेगी। इस जानकारी और जोखिम कारकों का मूल्यांकन करके, हमारे चिकित्सक यह आकलन कर सकते हैं कि क्या मरीज हड्डियों के क्षरण को धीमा करने में मदद के लिए दवाएं लेने का एक उम्मीदवार हो सकता है।

रोग निदान हमारे चिकित्सकों द्वारा मरीज के चिकित्सा इतिहास, बोन डेन्सिटी परीक्षण और कुछ रक्त परीक्षणों का मूल्यांकन करने के बाद किया जाएगा।

  1. चिकित्सक मरीज का चिकित्सा इतिहास एकत्र करेंगे जिनमें इसका कारण बनने वाले कारकों की पहचान करना शामिल है जैसे हार्मोन और खनिज पदार्थ संबंधी कमियां, पारिवारिक इतिहास, दवाओं का इतिहास और मरीज की उम्र;
  2. अंतर्निहित बीमारियों को ख़ारिज करने के लिए रक्त परीक्षण कराना आवश्यक है अर्थात:
    • सीरम कैल्सियम लेवल;
    • सीरम विटामिन डी लेवल;
    • पैराथायराइडिज्म के मामले में, सीरम फॉस्फोरस और अल्कलाइन फॉस्फेट;
    • थायराइड की ख़राबी के मामले में, थायराइड की कार्यप्रणाली का परीक्षण; और
    • किडनी की बीमारियों के मामले में, फेरिटिन लेवल।
  3. Scans:
    • बोन की डेन्सिटी का पता लगाने के लिए बोन मिनरल डेन्सिटी; यह ओस्टियोपोरोसिस की रोकथाम में पहला कदम है। इसके परिणाम बोन डेन्सिटी को समझने और मरीज की हड्डियों की क्षरण की दर निर्धारित करने में हमारे चिकित्सकों कीमदद करेंगे।
    • डेक्सा स्कैन (डुअलएक्स-रे एब्जोर्प्टियोमेट्री) टूट-फूट के जोखिम की पहचान करने में बोन डेन्सिटी की माप करता है; क्षेत्रों में रीढ़ की हड्डी, कूल्हे और टोटल बोन डेन्सिटी शामिल हैं।
    • अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन की सलाह कुछ मामलों में दी जा सकती है, लेकिन सभी मामलों में आवश्यक नहीं हो सकता है।

समस्याएं

शारीरिक अक्षमताएं:

  • ओस्टियोपोरोसिस के कारण आसानी से टूट-फूट, जो दर्दनाक हो जाता है और ठीक होने में लंबा समय लेता है;
  • काइफोसिस या रीढ़ की हड्डी झुकाव कम होना (स्पाइनल कर्वेचर);
  • सीमित गतिविधियों के कारण अक्षमता, रोजमर्रा की गतिविधियों को पूरा करने में अक्षमता;
  • रीढ़ की हड्डी का संकुचित होना जो व्यक्ति की ऊंचाई में कमी का कारण बनता है; नसों में संकुचन को जन्म दे सकता है जो पीठ में दर्द और टांगों व पैरों में फैलने वाले दर्द का कारण बन सकता है;
  • रीढ़ की हड्डी के संकुचन के कारण कुरूपता; और
  • द्वितीयक संक्रमण जैसे निमोनिया, बेडसोर और निष्क्रियता की वजह से मूत्र मार्ग का संक्रमण।

भावनात्मक समस्याएं:

  • जीवन की गुणवत्ता में कमी, दर्द, कार्यदिवसों में कमी और अक्षमताएं;
  • कमजोर होने की चिंताओं की वजह से निराशा और शरीर की नकारात्मक छवि;
  • प्रतिबंधित और सीमित होने की भावना;
  • कपड़े पहनने, खड़े होने और चलने-फिरने में अक्षमता की वजह से आत्मविश्वास की कमी;
  • गिर जाने का भय जो भीड़भाड़ भरे स्थानों में मरीज को व्याकुल कर देता है;
  • आजादी कम होने का भय;
  • अस्पताल में भर्ती होने और कार्य से अनुपस्थित रहने के कारण वित्तीय बोझ;
  • दिनचर्या के साथ चलने में अक्षमता;
  • लाचार होने और अलग-थलग पड़ने का एहसास; और
  • परिवार और दोस्तों के साथ तनावपूर्ण संबंध।

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