अस्थमा में घरेलू देखभाल
अस्थमा या दमा श्वासनली का एक दीर्घकालीन रोग है जिसमें सांस लेना मुश्किल हो जाता है. अस्थमा में श्वासनली में सूजन आ जाती है, जिससे फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाने वाले वायु मार्ग अस्थायी रूप से संकरे हो जाते हैं. उससे अस्थमा के लक्षण पैदा होते हैं जैसे कि खांसना, छींकना, सांस फूलना और छाती में जकड़न. अगर स्थिति गंभीर हो तो अस्थमा के रोगी के लिए बोलना भी मुश्किल हो जाता है. कुछ लोग अस्थमा को ‘‘बॉन्कियल अस्थमा’’ कहते हैं.
अस्थमा को घटाने के लिए सुझाव
- फेफड़ों की लाइनिंग को हाइड्रेटेड रखने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीएं
- शराब, बीड़ी-सिगरेट और ठंडे जूस पीने से बचें.
- खाने में बहुत ज़्यादा नमक न लें.
- अस्थमा के दौरों की बारंबारता को घटाने के लिए अच्छी क्वॉलिटी की वेगान खुराक आजमा कर देखें.
- ज़्यादा भोजन न करें और न ही जल्दी-जल्दी खाएं.
- मौसम की दशाओं के अनुसार अपने को सुरक्षित रखें.
- केमिकल्स, परफ्यूम्स, पेन्ट्स कुछ औषधियों जैसे कि एस्प्रिन, NSAIDs आदि से बचें.
- नियमित रूप से व्यायाम करें और अपने सही वजन को बनाए रखें.
- सहज और तनाव मुक्त रहें, क्योंकि तनाव और भावनात्मक उद्वेग से आपका अस्थमा भड़क तथा बिगड़ सकता है.
- अस्थमा के दौरों का लेखा जोखा रखने के लिए अस्थमा की डायरी बनाएं.
- बाहर जाते समय अपने नाक और मुंह को ढक लें.
- घर में पालतू जीव न रखें या अपने पालतू जीवों को हफ्ते में एक बार गरम पानी से नहलाएं, लेकिन साबुन का इस्तेमाल न करें. पालतू पशुओं में डेंडर होते हैं, जो कि बेजान, रूखी त्वचा यानी रूसी है और एक शक्तिशाली एलर्जन है.
अस्थमा में खुराक
1) इन्हें शामिल करें:
विटामिन-डी युक्त भोजन, जैसे कि पौष्टिक जून / बादाम वाला दूध (अगर आपको इसकी एलर्जी न हो)
बीटा केरोटिन-युक्त तरकारियां जैसे कि गाजर और साग-भाजी
मैग्नेशियम युक्त खाद्य-पदार्थ जैसे कि पालक और कद्दू के बीज
2) इनसे परहेज करें:
सल्फाइट्स, जो कि शराब और मेवों (ड्राइड फ्रूट्स) में पाए जाते हैं
जो खाद्य-पदार्थ गैस पैदा करते हैं जैसे कि बीन्स,पत्तागोभी और प्याज
कृत्रिम तत्व जैसे कि केमिकल प्रिजर्वेटिव्स या अन्य फ्लेवर्स